वशीकरण मंत्र किसे चाहिए for Dummies
वशीकरण मंत्र किसे चाहिए for Dummies
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यह मंत्र व्यक्ति के मन को आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप दूसरे व्यक्ति को आपके प्रति आकर्षित कर सकते हैं और उनमें अपने प्रतीक्षाएं जगा सकते हैं।
स्थान चुनें: वशीकरण मंत्र का उच्चारण करने के लिए शांतिपूर्वक और शुद्ध स्थान चुनें। एक ध्यान मंदिर या अपने पूजा स्थल का उपयोग कर सकते हैं।
विधि: पति को वश में करने का यह मन्त्र सवा लाख बार जप करने पर सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय इसका एक सौ आठ बार जप करें। किसी वस्तु को मंत्राभिषिक्त कर पति को खिला दें। वह सदा आज्ञाकारी बना रहेगा।
ॐ नमो आदेश गुरु का। कामरु देश कामाख्या देवी। जहाँ बसे इस्माईल जोगी ने दीन्हीं लौंग। एक लौंग राती माती। दूजी लौंग दिखावे राती। तीजी लौंग रहे ठहराया। चौथी लौंग भिलावे आया नहीं आवे तो कुआं बावड़ी घाट फिरे। रंडी कुआं बावड़ी पर छिटक मरे। ॐ नमो आदेश गुरु का। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
इस तरीके में, आपको सम्बंधित व्यक्ति के नजीवन में नियमित रूप से उच्चारण करने की आवश्यकता होती है। आपको एक शांतिपूर्वक और ध्यान में रहते हुए मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। व्यक्तिगत वशीकरण का उपयोग करने से पहले, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके उद्देश्य नैतिक और न्यायसंगत हैं और किसी अन्य व्यक्ति को हानि नहीं पहुंचा रहे हैं।
यह मंत्र देवी कामाख्या की शक्ति का आह्वान करता है, ताकि किसी खास व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।
ध्यान दे : मोहन तिलक के प्रभाव का समय काल बहुत कम होता है जिसकी वजह से आप इसे ज्यादा समय तक नहीं कर सकते है.
लाइलाह इल्लिल्लाह धरती से आसमान तक लाइलाह इल्लल्लाह अर्श से कुर्सी तक लाइलाह इल्लिल्लाह लोह से कलम तक लाइलाह इल्लिल्लाह मुहम्मद रसूलिल्लाह फलानी बेटे के बेटे को फलाने को मेरे बस में कर।
यह वशीकरण मंत्र व्यक्ति के लक्ष्य में विचलित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस मंत्र के उच्चारण द्वारा, आप दूसरे व्यक्ति को अपनी इच्छाओं के अनुरूप भावनाएं और विचारों के प्रति प्रेरित कर सकते हैं।
(ध्यान के वशीकरण मंत्र किसे चाहिए लिए एक-एक शब्द को समझना जरूरी है, हालांकि इसका मंत्र संस्कृत में भी उपलब्ध है, लेकिन ध्यान पक्ष का मंत्र हिंदी में दिया गया है ताकि साधक को अर्थ समझने में कोई बाधा न आए।)
ॐ नमो आकाश की योगिनी पातालनाग, उठि हनुमंत जी ‘फलानी’ को लाग, परै न निद्रा बैठे न सुख, जोबो देखे न मेरो मुख, तब तक नहिं परै हिये में सुख, लाऊ जो वाकू पियो, मोहि दीखै ठण्डी हो जाय, आवत न काहू दिखाय, आउ आउ मेरे आगे लाउ, न लावै तो गुरु गौरखनाथ की आन।
बगलामुखी पूजा का उचित उद्देश्य आत्म-विकास और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करना है. इसका उपयोग शक्ति प्राप्त करने या दूसरों को नियंत्रित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
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